प्रयागराज: भारतीय इक्विटी बाजार सतर्क आशावाद के दौर से गुजर रहा है। वित्त वर्ष 2025 की अंतिम तिमाही में कॉर्पोरेट आय में अच्छी वृद्धि दर्ज हुई, लेकिन भारत तथा पाकिस्तान के बीच तनाव और वैश्विक व्यापार संघर्ष के व्यापक प्रभाव के कारण निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं।
मौजूदा बाज़ार परिवेश में, लार्ज-कैप स्टॉक अधिक अनुकूल जोखिम-लाभ(रिस्क-रिवॉर्ड) संतुलन प्रदान कर सकते हैं, क्योंकि मिड और स्मॉल-कैप वैल्यूएशन (मूल्यांकन) अपने दीर्घकालिक औसत से ऊपर बने हुए हैं। आनेवालेदिनोंमेंनिष्पादन गुणवत्ता और मार्जिन रुझानों परआधारित स्टॉक चयन महत्वपूर्ण होगा, जो व्यापक बाज़ार मेंतेज़ी से अधिक चुनिंदा, अवसर-संचालित दृष्टिकोण की ओर बढ़ने को रेखांकित करेगा।
ऐसे में, मूल्यांकन-आधारित (वैल्यूबेस्ड) इक्विटी फंड जो आकर्षक मूल्य/आय (पी/ई) अनुपात और वृद्धि के मूल सिद्धांतों की पेशकश करने वाले शेयरों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, वेसुरक्षित निवेशविकल्पहो सकते हैं।
वैल्यू फंड आमतौर पर नकारात्मक बाज़ार भावना या गलत मूल्य निर्धारण के कारण अपने आंतरिक मूल्य से नीचे कारोबार करने वाले शेयरों में निवेश करते हैं। फंड मैनेजर ऐसी कंपनियों की तलाश करते हैं, जिनके फंडामेंटल मज़बूत हो, जैसे स्थिर आय, मजबूत नकदी प्रवाह और निरंतरअच्छा प्रदर्शन।साथ ही, वे लंबी अवधि के निवेश क्षितिज को बनाए रखते हुए, बाज़ार से अंततः री-रेटिंग की उम्मीद करते हैं।
टाटा एसेट मैनेजमेंट के फंड मैनेजर (कोषप्रबंधक), सोनम उदासी ने कहा, "हाल मेंआईतेज़ीके मद्देनज़रहमें उम्मीद है कि बाज़ार फिर से गुणवत्ता (क्वालिटी) और निरंतर कंपाउंडर पर ध्यान केंद्रित करेंगे। हमारा मानना है कि घरेलू करोबारपरकेंद्रित क्षेत्र जैसे कि वित्तीय, उपयोगिता, ऊर्जा, सीमेंट, पेट्रोकेमिकल, सेवा और रक्षात्मक (डिफेंसिव)एफएमसीजीबढ़ेहुएटैरिफ वाली दुनिया में अपेक्षाकृतअधिक स्थिर परिणाम दे सकते हैं।"
पिछले एक साल में भारतीय बाज़ार में वैल्यू इन्वेस्टिंग (मूल्यांकनआधारित निवेश) थीम ने अच्छा प्रदर्शन किया है। निवेशकों की यह बढ़ती प्राथमिकता वैल्यू-केंद्रित म्यूचुअल फंडों के प्रबंधनाधीनपरिसंपत्तियों (एयूएम) में तेज़ वृद्धि सेस्पष्टहै। उदाहरण के लिए, टाटा इक्विटी पी/ई फंड का एयूएम 31 मार्च, 2025 (नवीनतम उपलब्ध) तक 8,004 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो एक साल पहले 7,301 करोड़ रुपये था। इस फंड ने वित्त वर्ष 25 में 884 करोड़ रुपये का सकल निवेश भी दर्जकिया, जो वित्त वर्ष 24 में 484 करोड़ रुपये से लगभग 83% अधिक है (स्रोत: आंतरिक डेटा)। वैल्यू-फंड ने प्रयागराज शहर से, वित्त वर्ष 2025 में 2.35 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त किया, जबकि वित्त वर्ष 2024 में 1.99 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था।
उदासी द्वारा प्रबंधित टाटा इक्विटी पी/ई फंड ने निफ्टी 500 टीआरआई (13.9%) और निफ्टी 50 टीआरआई (11.8%) दोनों से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 19.2% का 3-वर्षीय रिटर्न दिया है। पांच साल में 10,000 रुपये का मासिक एसआईपी बढ़कर 9.2 लाख रुपये हो जाता।
टाटा इक्विटी पी/ई फंड मुख्य रूप से अपनी शुद्ध संपत्ति का न्यूनतम 70% उन कंपनियों के इक्विटी शेयरों में आवंटित करता है जिनका रोलिंग पी/ई (पिछली चार तिमाहियों की आय के आधार पर) बीएसई सेंसेक्स से कम है। पोर्टफोलियो बाज़ार चक्रों के अनुरूप अपने निवेश को सक्रियतासे समायोजित करता है, जिसमें कंपनी के भविष्य की क्षमता के अलावा मूल्यांकन, कंपनी के आकार और बाज़ार पूंजीकरण जैसे कारकों के आधार पर प्रति स्टॉक आवंटन होता है।
ऐसे फंडों का उद्देश्य है, दीर्घकालिक निवेशकों यानीविशेष रूप से कम से कम तीन वर्ष की अवधि तकनिवेशबरकराररखनेवाले निवेशकों के लिएअनुशासित, जोखिम-समायोजित करमूल्य (वैल्यू)-संचालित वृद्धि हासिल करने का अवसर प्रदान करना।
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